लेखनी कहानी -28-Mar-2024
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है। मेरी तरह तू भी तो, किसी का अंधभक्त है।। यदि मैं अंधभक्त हूँ तो ------------------------।।
जरूरी नहीं, हम दोनों की पसंद- इच्छा एक हो। जरूरी नहीं, हम दोनों के सपनें यहाँ एक हो।। मेरी भक्ति- मेरे आदर्श से, तुमको क्यों दिक्कत है। मेरी तरह तू भी तो, किसी का अंधभक्त है।। यदि मैं अंधभक्त हूँ तो-----------------------।।
सभी को अपना गुलाम, क्यों तू समझता है। मदद के बदले क्यों किसी को, तू लुटता है।। क्यों तेरी आत्मा- नियत, नीति यह गलत है। मेरी तरह तू भी तो, किसी का अंधभक्त है।। यदि मैं अंधभक्त हूँ तो---------------------।।
आजादी है सभी को, अपना ईश्वर- पथ चुनने की। अपने देवी- देवताओं की, जय जयकार करने की।। तेरे विरोधियों पर क्यों, तेरे जुल्म यूँ सख्त है। मेरी तरह तू भी तो, किसी का अंधभक्त है।। यदि मैं अंधभक्त हूँ तो--------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)